BPSC शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण में 7 महत्वपूर्ण परिवर्तनों का खुलासा, सभी जानकारी यहाँ पर देखें…

बिहार: बिहार में बीपीएससी के अंतर्गत शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह बात याद दिलाना आवश्यक है कि मुख्यमंत्री ने एक सार्वजनिक सभा के दौरान गांधी मैदान पर कहा था कि बहुत जल्द, अर्थात दो महीने के अंदर, 1 लाख 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके परिणामस्वरूप, शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग, दोनों कार्रवाई में जुटे हुए हैं। आज, बीपीएससी के अध्यक्ष, अतुल प्रसाद ने दूसरे चरण की भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में चर्चा की।

Untitled

पटना:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राजधानी पटना में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इसके बाद, उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्चतम अधिकारी, केके पाठक, के साथ अपने भाषण में एलान किया कि वे अगले दो महीनों के भीतर 1 लाख 20 हजार शिक्षकों की और बहाली करने की इच्छा रखते हैं। नीतीश कुमार ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि आगामी दो महीनों में बचे हुए 1.20 लाख शिक्षकों को भर्ती किया जाए। इस आदेश का प्रभाव दिख रहा है। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने भी दूसरे चरण की घोषणा की है और उन्होंने अभ्यर्थियों को देखकर परीक्षा की अवधि और अन्य बदलाव की बात कही है।

अतुल प्रसाद, बीपीएससी के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने सभी उम्मीदवारों की समस्याओं का समाधान करते हुए कुछ सुधार और परिवर्तन किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि परिवर्तनों की श्रेणी में पहले परीक्षा की अवधि को लेकर फैसला किया गया है।

 

पहला परिवर्तन – पहले, बीपीएससी की परीक्षा दो दिन में आयोजित होती थी। अब, इस परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया गया है, ताकि उम्मीदवारों को रात के समय अनावश्यक बुरी तरह से कठिन पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं हो। बहुत सारे उम्मीदवारों को परीक्षा में होने वाली कठिनाइयों को देखकर यह फैसला किया गया है। पास करने के लिए जरूरी प्रश्नों की संख्या को कम करके उसे तीस प्रश्नों की संख्या में बदल दिया गया है। इस से अब कुल 150 प्रश्न होंगे, जिनमें 30 प्रश्न पास करने के लिए अनिवार्य होंगे। यह एक भाग होगा। और एक और भाग होगा जिसमें 40 प्रश्न होंगे, पहले जैसे।

दूसरा परिवर्तन – इस बार की परीक्षा में एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है – अब परीक्षा का समय बढ़ा दिया गया है, और इसका अब ढाई घंटे का दौरान होगा। इस बार की परीक्षा में टाई ब्रेकर का प्रयोग किया जा रहा है, जिसका आवश्यकता पड़ता है जब कुछ अभ्यर्थी के प्राप्तांक समान होते हैं। इसमें टाई ब्रेकर के तहत निर्धारण किया जाता है कि आपका जन्मतिथि कितनी है। इसके बाद, जिन उम्मीदवारों के प्राप्तांक फिर भी समान रहते हैं, उनके नामों की श्रेणी क्रम में उपयोग किया जाता है।

 

तीसरा परिवर्तन – अब टाई ब्रेकर प्रक्रिया इस तरह से काम करेगी – पहले, अगर कोई उम्मीदवार चूकी भाषा वाले प्रश्न में 30 नंबर नहीं प्राप्त करता है, तो वह प्राप्तांक में नहीं शामिल होगा, क्योंकि यह क्वालिफाइंग नेचर की श्रेणी है। उसके बाद, टोटल फुल मार्क्स 120 नंबर की गणना के लिए की जाएगी, जो भाग दो और भाग तीन के प्राप्तांकों को जोड़कर होगी। इसके बाद, जिन प्राप्तांकों में समानता होती है, उनके बीच टाई ब्रेकर आधारित मूल परीक्षा के प्राप्तांक को ज्यादा मान्यता दी जाएगी, और इससे फाइनल चयन किया जाएगा।

 

चौथा परिवर्तन – यदि टाई ब्रेकर भी समान हो जाता है, तो दूसरा टाई ब्रेकर उपयोगी होगा, जिसमें भाषा क्वालिफाइंग नेचर के प्राप्तांकों की ज्यादा संख्या को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद, जिसके पास ज्यादा संख्या होगा, वह सेकेंड टाई ब्रेकर प्वाइंट बनेगा। फिर, डेट ऑफ बर्थ और नाम के अल्फाबेटिकल क्रम के आधार पर चयन किया जाएगा। हम उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा को ज्यादा महत्वपूर्ण मानेंगे।

 

पांचवा परिवर्तन – बीपीएससी अध्यक्ष ने बताया कि क्वालीफाइंग मार्क्स का प्रतिशत 30 होगा और उसमें आठ प्रश्न अंग्रेजी में होंगे और 22 प्रश्न हिंदी में होंगे। इसमें 9 अंकों को क्वालिफाइंग के रूप में दिया गया है।

 

छठा परिवर्तन – उसके अलावा, जो जनरल स्टडी और मेन पेपर के 40 और 80 क्वेश्चन रहेंगे, उनके चयन के लिए वितरण के आधार पर पिछली बार की तरह जीएडी का मापदंड आयोजक द्वारा निर्धारित होगा। सिलेबस की व्यापकता और एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम विभाग के पाठ्यक्रम के हिसाब से बरकरार रहेंगे, जो बच्चों को पढ़ाया जाता है। यह पैटर्न आधारित रहेगा, लेकिन शिक्षकों की योग्यता की मांग पर पुरा उतरने का प्रयास किया जाएगा। उम्मीदवारों से सिलेबस के अनुसार प्रश्न पूछे जाएंगे।

 

सातवां बदलाव – बीपीएससी में हुए बदलाव के संदर्भ में यह बताया गया कि इस बार कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। एक नई मिडिल स्कूल की शुरुआत हो रही है, जिससे नए नौकरी के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं। इसके साथ ही, कुछ पदों के लिए टीआरई-1 की वैकेंसियाँ भी जोड़ी जा रही हैं, जो पहले खाली नहीं थीं। यह रिक्तियाँ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान प्राप्त होगी और उन अभ्यर्थियों के लिए होगी जिन्होंने असफलता पाई। इन रिक्तियों को सप्लमेंटरी रिजर्व से भरा जाएगा। जो पद उपलब्ध नहीं होते हैं, उन्हें राउंड-2 में भेजा जाएगा। इसके बावजूद, यह भी देखा गया है कि 2019 के बाद एसटीईटी परीक्षा नहीं हुई थी और कुछ ऐसे विषय भी हैं जिनमें अभ्यर्थियों की संख्या कम थी। साथ ही, विज्ञापन में यह भी उल्लिखित होगा कि रिक्तियों की संख्या में परिवर्तन की संभावना है, चाहे वो कम हो या अधिक ।

1 Comment

  1. Mithilesh Pandeysays:

    इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *