सरकार का DeepFake पर कठिन से कठिन सजा: दोषियों के लिए भारी जुर्माना…
मंत्रालय के पास एक सलाहकार द्वारा जारी एडवाइजरी है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अनुसार, वर्तमान नियमों को दोहराने का सुझाव दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि कंप्यूटर संसाधन का दुरुपयोग करने पर 3 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
साउथ अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो का वायरल होने के बाद, सरकार ने कठिन कदम उठाए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों को एक सलाहकारी सूचना जारी की है, और मौजूदा सूचना को दोहराया है। मंत्रालय ने बताया है कि इस प्रकार के अपराधों के लिए तीन साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
यहां “एडवाइजरी” का मतलब है कि सरकार ने एक सलाह जारी की है जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के 66डी अनुसार मौजूदा नियमों को दोहराया गया है। इसमें उदाहरण दिया गया है कि कंप्यूटर संसाधनों का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी करने पर 3 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
आईटी मध्यस्थ नियम के तहत, नियम 3(1)(बी)(vii) के अनुसार सोशल मीडिया कंपनियों को नियमों और गोपनीयता नीति का पालन करना होगा। इन कंपनियों को ऐसे कंटेंट को पोस्ट करने वाले यूजर्स को नियमों के अनुसार रोकना होगा। नियम 3(2)(बी) के अनुसार, किसी कंटेंट के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर, उन्हें उसे अपने प्लेटफॉर्म से 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
सोमवार, 6 नवंबर को साउथ अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के एक वीडियो का वायरल होना हुआ, जिसमें वाहन उनका नहीं था। यह वायरल वीडियो सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर जारा पटेल का था, जिसे एडिट करके जारा पटेल के चेहरे को रश्मिका मंदाना के चेहरे से बदल दिया गया था। इस घटना के बाद, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसे गलत सूचना का सबसे खतरनाक उदाहरण बताया है।
इस प्रकार के वीडियोज के लिए सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही महत्वपूर्ण है, और अमिताभ बच्चन ने इस पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। रश्मिका मंदाना के वायरल डीपफेक वीडियो का यह सबसे बड़ा और ताजा उदाहरण है।